बुधवार, 2 अगस्त 2017

देशभक्ति गीत भाग - 1

Patriotism songs part - 1

मैं तुमको विश्वास दुं 

मैं तुमको विश्वास दुं , तुम मुझको विश्वास दो
शंकाओं के सागर हम हर जायेंगे।
मरुधरा को मिलाकर स्वर्ग बनायेंगे।

प्रेम बिना यह जीवन तो अनजाना है।
सब अपने है कौन यहां बेगाना है।
हर पल सबका अर्थवान हो जायेगा।
बस थोड़ा से मन में प्रेम जगाना है।
इस जीवन को साज दो , मौन नहीं आवाज दो।
पाषाणों में मीठी प्यास जगायेंगे ,
मरुधरा को मिलकर स्वर्ग बनायेंगे।

अलगावों से आग सुलगने लगती है।
उपवन की हर शाख झुलसने लगती है।
हर आंगन में सिर्फ सिसकियां उठती हैं।
संबंधों की सांस उखड़ने लगती है।
द्वेष भाव को त्याग दो , बस सबको अनुराग दो।
अंधियारों में हम दीपक बन जायेंगे ,
मरुधरा को मिलकर स्वर्ग बनायेंगे।

ढूंढ सको तो इस मिट्टी में सोना है।
हिम्मत का हथियार नहीं बस खोना है।
मुस्का दो तो हर मौसम मस्ताना है।
बीत गया जो समय उसे क्या रोना है।
लो हाथों में हाथ दो , इक दूजे का साथ दो।
सन्नाटों में हम सरगम बन जायेंगे।
मरुधरा को मिलकर स्वर्ग बनायेंगे।

मैं तुमको विश्वास दुं , तुम मुझको विश्वास दो।


हो जाओ तैयार साथियों
हो जाओ तैयार साथियों , हो जाओ तैयार
अर्पित कर दो तन-मन-धन , मांग रहा बलिदान वतन
हो जाओ तैयार साथियों , हो जाओ तैयार

अगर देश के काम न आए तो जीवन बेकार
तो जीवन बेकार साथियो तो जीवन बेकार
हो जाओ तैयार.....….…..............................

सोचने का समय गया अब उठो लिखो इतिहास नया
मस्ती छोड़ो और उठा लो हाथों में पतवार
हाथों में पतवार साथियो , हाथों में पतवार
हो जाओ तैयार.....….…..............................

तूफानी गति से जन - जन में शिक्षा का हो यह प्रचार
पढ़ें - लिखे व्यक्ति की जग में कभी न होती हार
कभी न होती हार साथियो , कभी न होती हार
हो जाओ तैयार.....….…..............................

काँप उठे धरती और अम्बर , और उठा लो ऊँचा स्वर
कोटि - कोटि कंठों से गूँजे भारत की जयकार
भारत की जयकार साथियो , भारत की जयकार
हो जाओ तैयार.....….…..............................


खुद जीओ , औरों को भी जीने दो

खुद जीओ , औरों को भी जीने दो
यही तो है जिंदगी का रास्ता
तुम्हें अमन व शांति का वास्ता।

चमन  में फूल खिलते भाँति - भाँति के
मगर सभी का होता एक ही चमन।
हों रहने वाले हम किसी भी प्रान्त के
है एक अपनी धरती , एक ही गगन।
तो फिर खिंचे - खिंचे से दिल हैं किसलिए
चलों दिलों में लेके एक ही लग्न।
खुद जिओ ..................................।

अलग - अलग हैं भाषा अपनी तो भी क्या
की दिल जो समझे वो जुबाँ तो एक है।
पंजाब हो , मद्रास या बंगाल हो
सभी का हिन्दोस्ताँ तो एक है।
अल्लाह कहो , ईश्वर कहो या वाहे गुरु
जहाँ पे जाना वो दिशा तो एक है।
खुद जिओ ..................................।

यही लिखा है गीता और कुरान में
यही है वाणी नानक और कबीर की।
इसीलिए तो गाँधीजी ने जान दी
की समझे दुनिया बात उस फकीर की।
उन्हीं की जी जिन्दगी है किसी काम की
समझते हैं जो दूसरों की पीर भी।
खुद जिओ ..................................।
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