राजस्थान के भौगोलिक क्षेत्रों के विभिन्न नाम एवं उनमें शामिल क्षेत्रों के नामों की ट्रिक्स
राजस्थान को चार भौतिक विभागों में बांटा गया हैं। मरुस्थलीय प्रदेश, अरावली पर्वतीय प्रदेश , मैदानी प्रदेश और पठारी प्रदेश राजस्थान के भौतिक भूभाग हैं।
राजस्थान के पूर्वी भाग को पूर्वी मैदानी प्रदेश के नाम से जाना जाता है। पूर्वी मैदानी भाग राज्य के 10 जिलों में विस्तृत हैं। इसमें चम्बल बेसिन, माही बेसिन, बनास बेसिन के क्षेत्र शामिल हैं । माही बेसिन को छप्पन बेसिनके नाम से भी जाना जाता है । पूर्वी मैदानी प्रदेश की प्रमुख विशेषता है चम्बल के बीहड़ व कन्दराएँ । चम्बल नदी द्वारा मिटटी के भारी कटाव के कारण प्रवाह क्षेत्र में गहरी घाटियाँ व टीले बन गये जिसे बीहड़ या कन्दराएँ कहा जाता हैं । राजस्थान में सर्वाधिक बीहड़ भूमि धौलपुर जिले में है । राज्य के करौली , धौलपुर एवं सवाई माधौपुर जिले में बीहड़ भूमि का विस्तार हैं जिसे आप ट्रिक द्वारा याद कर सकते हैं।
राजस्थान में मिट्टी की विशेषता एवं कृषि के लिए मिट्टी की उपयुक्तता के अनुसार राजस्थान की मिटटी को कई प्रकारों में बांटा गया हैं ।
उसी का एक प्रकार है लवणीय मिट्टी ।
लवणीय मिट्टी उस मिट्टी को कहा जाता है जो क्षारीय व लवणीय तत्वों की अधिकता के कारण अनुपजाऊ हो ।
राजस्थान के जिन जिलों में इस प्रकार की मिटटी पायी जाती हैं वो निम्न जिले हैं - गंगानगर Ganganagar , बीकानेर bikaner , बाड़मेर badmer व जालोर jalore।
ऊपर दिए गए लवणीय मिट्टी वाले जिलों की शार्ट ट्रिक दी जा रही है ।
इस ट्रिक द्वारा लवणीय मिटटी जिन जिलों में पायी जाती है उन जिलों को हम आसानी से याद रख सकते है ।
सिवाना पर्वतीय क्षेत्र (जालोर - बाड़मेर ) में गोलाकार पहाड़िया हैं जिन्हें छप्पन की पहाड़ियों के नाम से जाना जाता है ।
यहां ग्रेनाइट चट्टानों की अधिकता होने के कारण जालोर को ग्रेनाइट नगरी grenaet city भी कहा जाता है ।
जालोर में सुंधा पर्वत sundha parvat प्रमुख पर्वतीय पर्यटन स्थल है जहाँ राजस्थान , गुजरात और दूसरे राज्यों से भी पर्यटक आते हैं ।
सुंधा पर्वत पर चामुंडा देवी Chamunda devee का मंदिर temple हैं । राजस्थान का प्रथम रोपवे भी सुंधा पर्वत पर शुरू किया गया ।
यहाँ पर भालू अभ्यारण्य bear sanctuary भी है ।
जालोर में रोजा भाखर , इसराना भाखर , एवं झारोल भाखर स्थित है ।
तो friends आपके लिए पेश है जालोर के भाखर की शार्ट ट्रिक वो भी हिन्दी में ।
राजस्थान के उत्तरी पश्चिमी भाग को मरुस्थलीय Desert प्रदेश के नाम से जाना जाता है।
वर्षा अत्यधिक कम होने के कारण इस प्रदेश को शुष्क बालुका मैदान भी कहते है ।
रेतीले शुष्क मैदान को दो उपभागों में बांटा गया हैं ।
1. बालुकास्तूप युक्त मरुस्थलीय प्रदेश
2. बालुकास्तूप मुक्त क्षेत्र
बालुका स्तूप युक्त क्षेत्र में रेत के टीले पाये जाते है जो तेज हवाओं के साथ अपना स्थान बदलते रहते है ।
बालुकास्तूप का एक प्रकार है तारा बालुकास्तूप ।
ताराबालुका स्तूप का निर्माण मुख्य रूप से संश्लिष्ट एवं अनियतवादी हवा के क्षेत्र में ही होता है । इस प्रकार के स्तूप जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ Mohangadh , पोकरण Pokaran और गंगानगर जिले के सूरतगढ़ Suratgadh क्षेत्र में पाये जाते हैं ।
तारा बालुकास्तूप वाले क्षेत्रों की ट्रिक हिन्दी में आगे दी जा रही है ।
अर्धचंद्राकार बालुकास्तूप को बरखान barkhan भी कहा जाता है । बरखान या अर्धचंद्राकार बालुकास्तूप गतिशील , रंध्रयुक्त व नवीन बालुयुक्त होते है ।
इस प्रकार के बालुकास्तूप चूरू churu , जैसलमेर jaisalmer , जोधपुर jodhpur , सूरतगढ़ suratgadh (गंगानगर ), सीकर sikar , लूणकरणसर lunkaransar ( बीकानेर ) , बाड़मेर badmer जिलों में पाए जाते है ।
इस प्रकार के बालुकास्तूप क्षेत्रों को याद करने की शार्ट ट्रिक दे रहा हूँ जो compitition exam में बहुत कम की हो सकती है ।
ट्रिक simple , सरल और वो भी हिन्दी में दे रहा हूँ ।
ट्रिक :- बर आधा सुर बाजै, जो चूसी लूण में ।
दोस्तो बहुत मेहनत से ट्रिक बनाई है अगर आपके काम आये तो शेयर करना मत भूलना ।
रियासत Homestead काल में विभिन्न क्षेत्रों को अलग अलग नामों से जाना जाता था ।
उसी प्रकार का एक क्षेत्र मेरवाड़ा Merwara था ।
राजस्थान के अजमेर Ajmer जिले व राजसमंद Rajsamand जिले के दिवेर क्षेत्र को मेरवाड़ा कहा जाता था ।
मेरवाड़ा नाम से जिस क्षेत्र को जाना जाता था उसकी short trick मेरवाड़ा रा दिवा में आज rajasthan gk short trick in hindi द्वारा बनाकर आपके लिए पेश की जा रही है ।
इस उम्मीद के साथ की एग्जाम में आपके काम आ सके ।
इन जिलों को याद करने में आसानी रहे इसके लिए rajasthan Short Trick हिन्दी में ट्रिक लाया है जो आपको पसंद आने के साथ ही आपके काम आएगी ऐसा मुझे लग रहा है ।
तो चलिये आपको वो ट्रिक दे रहा हूँ ।
राजस्थान के डूंगरपुर Dungarpur और बांसवाड़ा Banswara जिलों को मेवल Mewal के नाम से जाना जाता हैं ।
ट्रिक को इस प्रकार याद कर सकते हैं कि मेव नाम का कोई व्यक्ति डूंगर पर बोस बना हुआ हैं ।
कितनी आसानी से ट्रिक याद हो गई ।
राजस्थान के दक्षिण - पूर्वी भाग को भू - आकृतिक दृष्टि से दक्षिण - पूर्वी पठारी प्रदेश के नाम से जाना जाता है ।
दक्षिण - पूर्वी पठारी भाग मालवा पठार malwa knap का ही भाग है जो चम्बल नदी chambal river के सहारे पूर्वी भाग में विस्तृत है ।
राजस्थान के इस पठारी प्रदेश में 11% जनसंख्या निवास करती है तथा राज्य का लगभग 7% भाग है ।
इस प्रदेश को हाड़ौती का पठार hadauti knap या लावा का पठार lava knap भी कहा जाता है ।
पठारी प्रदेश में राजस्थान के 7 जिलों का क्षेत्र शामिल है ; कोटा , बाराँ , बूँदी , झालावाड़ , चित्तौड़गढ़ , बांसवाड़ा का संपूर्ण क्षेत्र तथा भीलवाड़ा का कुछ क्षेत्र ।
इन जिलों को याद करने की आसान ट्रिक हिन्दी में बनाई है ।
trick hindi में इस प्रकार है - दपू बांचि बाबु को भी झाल ।
आगे ट्रिक का विस्तार किया जा रहा है जिससे समझने में आसानी रहेगी ।
वागड़ या वाग्वर प्रदेश में स्थित जिलों की शॉर्ट ट्रिक हिन्दी में rajasthan short trick द्वारा पेश की जा रही है ।
हमारे द्वारा बनाई गई ट्रिक की एक विशेषता है कि उस ट्रिक से ही हमें पता चल जाता हैं कि ट्रिक किसकी है ।
तो friends याद कर लीजिए rajasthan gk short trick hindi me ट्रिक जो एग्जाम में काम आएगी ।
ट्रिक का आगे विस्तार किया जा रहा है ।
➡ वन्यजीव अभ्यारण्य एवं जंतुआलयों की 11 short trick
बीहड़ भूमि का सर्वाधिक विस्तार
राजस्थान के पूर्वी भाग को पूर्वी मैदानी प्रदेश के नाम से जाना जाता है। पूर्वी मैदानी भाग राज्य के 10 जिलों में विस्तृत हैं। इसमें चम्बल बेसिन, माही बेसिन, बनास बेसिन के क्षेत्र शामिल हैं । माही बेसिन को छप्पन बेसिनके नाम से भी जाना जाता है । पूर्वी मैदानी प्रदेश की प्रमुख विशेषता है चम्बल के बीहड़ व कन्दराएँ । चम्बल नदी द्वारा मिटटी के भारी कटाव के कारण प्रवाह क्षेत्र में गहरी घाटियाँ व टीले बन गये जिसे बीहड़ या कन्दराएँ कहा जाता हैं । राजस्थान में सर्वाधिक बीहड़ भूमि धौलपुर जिले में है । राज्य के करौली , धौलपुर एवं सवाई माधौपुर जिले में बीहड़ भूमि का विस्तार हैं जिसे आप ट्रिक द्वारा याद कर सकते हैं।
ट्रिक = बीह कर धौ सवा। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
बीह | बीहड़ भूमि का विस्तार |
कर | करौली |
धौ | धौलपुर |
सवा | सवाई माधौपुर |
लवणीय मिट्टी वाले जिलें
राजस्थान में मिट्टी की विशेषता एवं कृषि के लिए मिट्टी की उपयुक्तता के अनुसार राजस्थान की मिटटी को कई प्रकारों में बांटा गया हैं ।
उसी का एक प्रकार है लवणीय मिट्टी ।
लवणीय मिट्टी उस मिट्टी को कहा जाता है जो क्षारीय व लवणीय तत्वों की अधिकता के कारण अनुपजाऊ हो ।
राजस्थान के जिन जिलों में इस प्रकार की मिटटी पायी जाती हैं वो निम्न जिले हैं - गंगानगर Ganganagar , बीकानेर bikaner , बाड़मेर badmer व जालोर jalore।
ऊपर दिए गए लवणीय मिट्टी वाले जिलों की शार्ट ट्रिक दी जा रही है ।
इस ट्रिक द्वारा लवणीय मिटटी जिन जिलों में पायी जाती है उन जिलों को हम आसानी से याद रख सकते है ।
ट्रिक = लाव बिका गंगा जाए बाड़ में। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
लाव | लवणीय मिट्टी पाई जाती है |
बिका | बीकानेर |
गंगा | गंगानगर |
जाए | जालोर |
बाड़ में | बाड़मेर |
जालोर के भाखर
सिवाना पर्वतीय क्षेत्र (जालोर - बाड़मेर ) में गोलाकार पहाड़िया हैं जिन्हें छप्पन की पहाड़ियों के नाम से जाना जाता है ।
यहां ग्रेनाइट चट्टानों की अधिकता होने के कारण जालोर को ग्रेनाइट नगरी grenaet city भी कहा जाता है ।
जालोर में सुंधा पर्वत sundha parvat प्रमुख पर्वतीय पर्यटन स्थल है जहाँ राजस्थान , गुजरात और दूसरे राज्यों से भी पर्यटक आते हैं ।
सुंधा पर्वत पर चामुंडा देवी Chamunda devee का मंदिर temple हैं । राजस्थान का प्रथम रोपवे भी सुंधा पर्वत पर शुरू किया गया ।
यहाँ पर भालू अभ्यारण्य bear sanctuary भी है ।
जालोर में रोजा भाखर , इसराना भाखर , एवं झारोल भाखर स्थित है ।
तो friends आपके लिए पेश है जालोर के भाखर की शार्ट ट्रिक वो भी हिन्दी में ।
ट्रिक = जाल रो इस झारो। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
जाल | जालोर के भाखर / पहाड़ |
रो | रोजा भाखर |
इस | इसराना भाखर |
झारो | झारोल भाखर |
तारा बालुकास्तूप वाले क्षेत्र
वर्षा अत्यधिक कम होने के कारण इस प्रदेश को शुष्क बालुका मैदान भी कहते है ।
रेतीले शुष्क मैदान को दो उपभागों में बांटा गया हैं ।
1. बालुकास्तूप युक्त मरुस्थलीय प्रदेश
2. बालुकास्तूप मुक्त क्षेत्र
बालुका स्तूप युक्त क्षेत्र में रेत के टीले पाये जाते है जो तेज हवाओं के साथ अपना स्थान बदलते रहते है ।
बालुकास्तूप का एक प्रकार है तारा बालुकास्तूप ।
ताराबालुका स्तूप का निर्माण मुख्य रूप से संश्लिष्ट एवं अनियतवादी हवा के क्षेत्र में ही होता है । इस प्रकार के स्तूप जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ Mohangadh , पोकरण Pokaran और गंगानगर जिले के सूरतगढ़ Suratgadh क्षेत्र में पाये जाते हैं ।
तारा बालुकास्तूप वाले क्षेत्रों की ट्रिक हिन्दी में आगे दी जा रही है ।
ट्रिक = तारा बाल पो सुरु मुह। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
तारा बाल | तारा बालुकास्तूप |
पो | पोकरण |
सुरु | सूरतगढ़ |
मुह | मोहनगढ़ |
बरखान/अर्धचन्द्राकार बालुकास्तूप वाले क्षेत्र
अर्धचंद्राकार बालुकास्तूप को बरखान barkhan भी कहा जाता है । बरखान या अर्धचंद्राकार बालुकास्तूप गतिशील , रंध्रयुक्त व नवीन बालुयुक्त होते है ।
इस प्रकार के बालुकास्तूप चूरू churu , जैसलमेर jaisalmer , जोधपुर jodhpur , सूरतगढ़ suratgadh (गंगानगर ), सीकर sikar , लूणकरणसर lunkaransar ( बीकानेर ) , बाड़मेर badmer जिलों में पाए जाते है ।
इस प्रकार के बालुकास्तूप क्षेत्रों को याद करने की शार्ट ट्रिक दे रहा हूँ जो compitition exam में बहुत कम की हो सकती है ।
ट्रिक simple , सरल और वो भी हिन्दी में दे रहा हूँ ।
ट्रिक :- बर आधा सुर बाजै, जो चूसी लूण में ।
दोस्तो बहुत मेहनत से ट्रिक बनाई है अगर आपके काम आये तो शेयर करना मत भूलना ।
ट्रिक = बर आधा सुर बाजै,जो चूसी लूण में। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
बर आधा | बरखान/अर्धचन्द्राकार बालुकास्तूप |
सूर | सूरतगढ़ |
बा | बाड़मेर |
जै | जैसलमेर |
जो | जोधपुर |
चू | चूरू |
सी | सीकर |
लूण | लूणकरणसर |
में | ×××× |
मेरवाड़ा नाम से जिस क्षेत्र को जाना जाता था
रियासत Homestead काल में विभिन्न क्षेत्रों को अलग अलग नामों से जाना जाता था ।
उसी प्रकार का एक क्षेत्र मेरवाड़ा Merwara था ।
राजस्थान के अजमेर Ajmer जिले व राजसमंद Rajsamand जिले के दिवेर क्षेत्र को मेरवाड़ा कहा जाता था ।
मेरवाड़ा नाम से जिस क्षेत्र को जाना जाता था उसकी short trick मेरवाड़ा रा दिवा में आज rajasthan gk short trick in hindi द्वारा बनाकर आपके लिए पेश की जा रही है ।
इस उम्मीद के साथ की एग्जाम में आपके काम आ सके ।
ट्रिक = मेरवाड़ा रा दिवा में आज । | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
मेरवाड़ा | मेरवाड़ा के नाम से प्रसिद्ध |
रा दिवा | राजसमन्द का दिवेर क्षेत्र |
में | ××× |
आज | अजमेर |
गोडवाड़ Godwar प्रदेश में स्थित क्षेत्रों की ट्रिक
रियासतकालीन राजस्थान में राज्य की विभिन्न इकाइयों के विभिन्न नाम प्रचलित थे । उसी प्रकार की एक इकाई थी गोडवाड़ जिसके अन्तर्गत बाड़मेर Badmer जिले का दक्षिण पूर्वी भाग , जालोर Jalore जिला तथा सिरोही Sirohi जिले का पश्चिमी भाग शामिल था ।इन जिलों को याद करने में आसानी रहे इसके लिए rajasthan Short Trick हिन्दी में ट्रिक लाया है जो आपको पसंद आने के साथ ही आपके काम आएगी ऐसा मुझे लग रहा है ।
तो चलिये आपको वो ट्रिक दे रहा हूँ ।
ट्रिक = गोड़ दपु बाई जा पासी । | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
गोड़ | गोडवाड़ के नाम से प्रसिद्ध क्षेत्र |
दपु बाई | दक्षिण पूर्वी बाड़मेर |
जा | जालोर |
पासी | पश्चिम सिरोही |
मेवल प्रदेश में स्थित जिलों की Short Trick Hindi में
राजस्थान के डूंगरपुर Dungarpur और बांसवाड़ा Banswara जिलों को मेवल Mewal के नाम से जाना जाता हैं ।
ट्रिक को इस प्रकार याद कर सकते हैं कि मेव नाम का कोई व्यक्ति डूंगर पर बोस बना हुआ हैं ।
कितनी आसानी से ट्रिक याद हो गई ।
ट्रिक = मेव डुंगरपर बोस। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
मेव | मेवल के नाम से प्रसिद्ध क्षेत्र |
डुंगरपर | डूंगरपुर |
बोस | बाँसवाड़ा |
दक्षिण - पूर्वी पठारी भाग
राजस्थान के दक्षिण - पूर्वी भाग को भू - आकृतिक दृष्टि से दक्षिण - पूर्वी पठारी प्रदेश के नाम से जाना जाता है ।
दक्षिण - पूर्वी पठारी भाग मालवा पठार malwa knap का ही भाग है जो चम्बल नदी chambal river के सहारे पूर्वी भाग में विस्तृत है ।
राजस्थान के इस पठारी प्रदेश में 11% जनसंख्या निवास करती है तथा राज्य का लगभग 7% भाग है ।
इस प्रदेश को हाड़ौती का पठार hadauti knap या लावा का पठार lava knap भी कहा जाता है ।
पठारी प्रदेश में राजस्थान के 7 जिलों का क्षेत्र शामिल है ; कोटा , बाराँ , बूँदी , झालावाड़ , चित्तौड़गढ़ , बांसवाड़ा का संपूर्ण क्षेत्र तथा भीलवाड़ा का कुछ क्षेत्र ।
इन जिलों को याद करने की आसान ट्रिक हिन्दी में बनाई है ।
trick hindi में इस प्रकार है - दपू बांचि बाबु को भी झाल ।
आगे ट्रिक का विस्तार किया जा रहा है जिससे समझने में आसानी रहेगी ।
ट्रिक =दपू बांचि बाबू को भी झाल। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
दपू | दक्षिण-पूर्वी पठारी भाग |
बां | बाँसवाड़ा |
चि | चित्तौड़ |
बा | बाराँ |
बू | बूँदी |
को | कोटा |
भी | भीलवाड़ा |
झाल | झालावाड़ |
वागड़ या वाग्वर प्रदेश में स्थित जिलों की शॉर्ट ट्रिक
राजस्थान के दक्षिणी जिलों बांसवाड़ा banswara , प्रतापगढ़ pratapgadh व डूंगरपुर Dungarpur के क्षेत्र को स्थानीय भाषा local language में वागड़ vagad या वाग्वर vagvar कहते है ।वागड़ या वाग्वर प्रदेश में स्थित जिलों की शॉर्ट ट्रिक हिन्दी में rajasthan short trick द्वारा पेश की जा रही है ।
हमारे द्वारा बनाई गई ट्रिक की एक विशेषता है कि उस ट्रिक से ही हमें पता चल जाता हैं कि ट्रिक किसकी है ।
तो friends याद कर लीजिए rajasthan gk short trick hindi me ट्रिक जो एग्जाम में काम आएगी ।
ट्रिक का आगे विस्तार किया जा रहा है ।
ट्रिक =वाग पर डूंगर बा। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
वाग | वागड़/वाग्वर क्षेत्र |
पर | प्रतापगढ़ |
डूंगर | डूंगरपुर |
बा | बाँसवाड़ा |
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➡ जानिए राजस्थान के आखेट निषिद्ध क्षेत्रों की 6 Gk Tricks हिन्दी में➡ वन्यजीव अभ्यारण्य एवं जंतुआलयों की 11 short trick
छप्पन का मैदान
राजस्थान के पूर्वी भाग को मैदानी भाग कहा जाता है।
पूर्वी मैदानी भाग राज्य के 10 जिलों अजमेर Ajmer , बांसवाड़ा Banswara , अलवर alwar , भरतपुर bharatpur , धौलपुर Dhaulapur , करौली karauli , जयपुर jaipur , दौसा dausa , टोंक tonk तथा सवाई माधौपुर swai madhaupur का भाग शामिल है ।
इसी मैदानी भाग में छप्पन का मैदान भी है जिसे भाटी मैदान के नाम से भी जाना जाता है।
ये मैदान राजस्थान के डूँगरपुर Dungarpur , प्रतापगढ़ prapapgdh तथा बांसवाड़ा banswara जिलों में विस्तृत है ।
छप्पन के मैदान का विस्तार जिन जिलों में विस्तृत हैं उनकी ट्रिक इस प्रकार बनाई है। भाई डूंगर पर बोस है मतलब किसी का भाई डूंगर ( पर्वत ) पर बोस है ।
विस्तार से ट्रिक को आगे बताया गया है ।
राजस्थान के पश्चिम में विशाल मरुस्थल desert या रेतीला शुष्क मैदानी प्रदेश है ।
इसमें वर्षा का वार्षिक औसत 20 सेमी. तक रहता है । इसका अधिकांश भाग बालुकास्तूपों से ढका हुआ है ।
बालुकास्तूपों से ढका हुआ यह भूभाग पाकिस्तान pakistan की सीमा के सहारे - सहारे गुजरात gujrat से पंजाब panjab तक फैला हुआ है ।
यहां बालुकास्तूपों के विभिन्न प्रकार देखने को मिलते है । उन्हीं प्रकारों में से एक प्रकार है - रेखीय बालुकास्तूप जिसे पावनानुवर्ती बलुकास्तूप भी कहा जाता है ।
इस प्रकार के बालुकास्तूप में वनस्पति पाई जाती है। रेखीय या पावनानुवर्ती बालुकास्तूप जैसलमेर , बाड़मेर एवं जोधपुर जिलों में पाये जाते है ।
अब आपको इस प्रकार के बालुकास्तूप वाले क्षेत्रों को याद करने की Short Trick Hindi में दी जा रही है ।
उम्मीद है ये ट्रिक आपको पसंद आने के साथ ही परीक्षा में आपके काम भी आएगी ।
राजस्थान कई इकाइयों में विभक्त था और उन इकाइयों के विभिन्न नाम प्रचलित थे ।
जांगल प्रदेश jangal state भी राजस्थान की रियासत homestead of Rajasthan थी ।
जांगल प्रदेश में बीकानेर और जोधपुर का उत्तरी भाग शामिल था ।
नागौर या अहिछत्रपुर जांगल प्रदेश की राजधानी capital थी ।
राजस्थान के विभिन्न Compitition exam के लिए जांगल प्रदेश में शामिल रियासतों / राज्यों की ट्रिक बनाई है जो आपके लिए आगे हाजिर है ।
ट्रिक - जांग बिका जो उत्तर में ।
ये पोस्ट आपको कैसी लगी,
इस पोस्ट से सम्बंधित कोई सुझाव या सलाह है तो कमेंट के माध्यम से बता सकते है जिससे हम और अच्छा करने की कोशिश करेंगे।
हमारे ब्लॉग पर आने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद।इसी तरह हमारा मनोबल बढाते रहिये !
इसी मैदानी भाग में छप्पन का मैदान भी है जिसे भाटी मैदान के नाम से भी जाना जाता है।
ये मैदान राजस्थान के डूँगरपुर Dungarpur , प्रतापगढ़ prapapgdh तथा बांसवाड़ा banswara जिलों में विस्तृत है ।
छप्पन के मैदान का विस्तार जिन जिलों में विस्तृत हैं उनकी ट्रिक इस प्रकार बनाई है। भाई डूंगर पर बोस है मतलब किसी का भाई डूंगर ( पर्वत ) पर बोस है ।
विस्तार से ट्रिक को आगे बताया गया है ।
ट्रिक = 56 भाई डूंगर पर बोस। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
56 भाई | छप्पन/भाटी मैदान का विस्तार |
डूंगर | डूंगरपुर |
पर | प्रतापगढ़ |
बोस | बांसवाड़ा |
रेखीय या पावनानुवर्ती बालुकास्तूप
राजस्थान के पश्चिम में विशाल मरुस्थल desert या रेतीला शुष्क मैदानी प्रदेश है ।
इसमें वर्षा का वार्षिक औसत 20 सेमी. तक रहता है । इसका अधिकांश भाग बालुकास्तूपों से ढका हुआ है ।
बालुकास्तूपों से ढका हुआ यह भूभाग पाकिस्तान pakistan की सीमा के सहारे - सहारे गुजरात gujrat से पंजाब panjab तक फैला हुआ है ।
यहां बालुकास्तूपों के विभिन्न प्रकार देखने को मिलते है । उन्हीं प्रकारों में से एक प्रकार है - रेखीय बालुकास्तूप जिसे पावनानुवर्ती बलुकास्तूप भी कहा जाता है ।
इस प्रकार के बालुकास्तूप में वनस्पति पाई जाती है। रेखीय या पावनानुवर्ती बालुकास्तूप जैसलमेर , बाड़मेर एवं जोधपुर जिलों में पाये जाते है ।
अब आपको इस प्रकार के बालुकास्तूप वाले क्षेत्रों को याद करने की Short Trick Hindi में दी जा रही है ।
उम्मीद है ये ट्रिक आपको पसंद आने के साथ ही परीक्षा में आपके काम भी आएगी ।
ट्रिक = पवन रे बालु जो बाजै। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
पवन रे बालु | पवनानुवर्ती/रेखीय बालुकास्तूप |
जो | जोधपुर |
बा | बाड़मेर |
जै | जैसलमेर |
जांगल प्रदेश
राजस्थान कई इकाइयों में विभक्त था और उन इकाइयों के विभिन्न नाम प्रचलित थे ।
जांगल प्रदेश jangal state भी राजस्थान की रियासत homestead of Rajasthan थी ।
जांगल प्रदेश में बीकानेर और जोधपुर का उत्तरी भाग शामिल था ।
नागौर या अहिछत्रपुर जांगल प्रदेश की राजधानी capital थी ।
राजस्थान के विभिन्न Compitition exam के लिए जांगल प्रदेश में शामिल रियासतों / राज्यों की ट्रिक बनाई है जो आपके लिए आगे हाजिर है ।
ट्रिक - जांग बिका जो उत्तर में ।
ट्रिक =जांग बिका जो उत्तर में। | |
ट्रिक शब्द | ट्रिक विवरण |
जांग | जांगल प्रदेश में क्षेत्र |
बिका | बीकानेर |
जो उत्तर | जोधपुर का उत्तरी भाग |
में | ××× |
आपकी राय
इस पोस्ट से सम्बंधित कोई सुझाव या सलाह है तो कमेंट के माध्यम से बता सकते है जिससे हम और अच्छा करने की कोशिश करेंगे।
हमारे ब्लॉग पर आने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद।इसी तरह हमारा मनोबल बढाते रहिये !