Hindi Vyakaran Karak
कारक की परिभाषा
कारक का अर्थ होता है ' करने वाला ' ।
" संज्ञा या सर्वनाम पद का वाक्य में प्रयुक्त अन्य पद या क्रिया से संबंध बताए , कारक कहलाता हैं। "
उदाहरण
मैं साइकिल से बाजार गया।
वाक्य में ' से ' शब्द द्वारा वाक्य में साइकिल और बाजार का संबंध बताया गया हैं।
कारक के प्रकार
हिन्दी मे कारक के आठ भेद हैं -- कर्ता कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
- सम्प्रदान कारक
- अपादान कारक
- संबंध कारक
- अधिकरण कारक
- संबोधन कारक
विभक्ति / चिह्न
" कारक को प्रकट करने के लिए जिस चिह्न का प्रयोग किया जाता है , उसे विभक्ति या परसर्ग कहा जाता हैं। "
कारक और विभक्ति चिह्न
कर्ता कारक | ने |
कर्म कारक | को |
करण कारक | से , द्वारा |
सम्प्रदान कारक | के लिए , को |
अपादान कारक | से अलग होना |
संबंध कारक | का , की , की , ना , ने , नी , रा , रे , री |
अधिकरण कारक | में , पर |
संबोधन कारक | हे , अरे , ओ |
कर्ता कारक
व्याकरण में क्रिया को करने वाले को कर्ता कारक कहा जाता हैं।
कर्ता कारक संज्ञा या सर्वनाम ही होता हैं।
इसका विभक्ति चिह्न शून्य या ने होता हैं।
विभक्ति का प्रयोग केवल सकर्मक क्रिया के साथ ही होता हैं।
उदाहरण
हिमांशु ने पत्र लिखा।
रेखा ने गाना गाया।
कर्म कारक
कर्म कारक का विभक्ति चिह्न ' को ' हैं।
विभक्ति चिह्न का प्रयोग केवल सजीव कर्म कारक के साथ किया जाता हैं।
जिस शब्द पर क्रिया का फल पड़ता हैं , कर्म कारक कहा जाता हैं।
उदाहरण
राम ने श्याम को पुस्तक दी।
अध्यापक ने छात्र को बुलाया।
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करण कारक
शाब्दिक अर्थ - साधन हैं।
कर्ता जिस माध्यम या साधन से क्रिया कर्ता है , करण कारक कहलाता हैं।
विभक्ति चिह्न - से , के द्वारा हैं।
उदाहरण
मैं मोटर साइकिल से विद्यालय जाता हूँ।
मेहनत से अच्छा परिणाम प्राप्त किया जा सकता हैं।
सम्प्रदान कारक
कर्ता कारक द्वारा जिस उद्देश्य के लिए या जिसके लिए क्रिया का सम्पादन किया जाता हैं , सम्प्रदान कारक कहा जाता हैं।
सम्प्रदान का शाब्दिक अर्थ - देना हैं। विभक्ति चिह्न - को , के लिए।
उदाहरण
लोगों ने सरपंच चुनाव के लिए मतदान किया।
रमेश ने भिखारी को धन दिया।
अपादान कारक
शाब्दिक अर्थ - अलग या पृथक होना।
किसी स्थान या वस्तु से किसी व्यक्ति या वस्तु के अलग होने का बोध हो , वहां अपादान कारक होता हैं।
विभक्ति चिह्न - से।
उदाहरण
गंगा हिमालय से निकलती है।
मोहन विद्यालय से घर गया।
संबंध कारक
जिस व्यक्ति या वस्तु का दूसरे व्यक्ति या वस्तु से संबंध प्रकट हो , संबंध कारक कहलाता हैं।
विभक्ति चिह्न - का , के , की , ना , ने , नी , रा , रे , री।
उदाहरण
हिना संजय की बहिन है।
अपना सामान सम्हाल कर रखो।
अधिकरण कारक
" वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम से क्रिया के आधार का बोध हो , अधिकरण कारक कहलाता हैं।
विभक्ति चिह्न - में , पर।
उदाहरण
पेड़ पर कोयल बैठी है।
सुरेश और विनोद में गहरी दोस्ती है।
संबोधन कारक
जिससे किसी संज्ञा को संबोधित किया जाए , संबोधन कारक कहलाता हैं।
विभक्ति चिह्न - हे , अरे , ओ।
उदाहरण
हे भगवान! उसका क्या होगा ?
अरे ! जितेंद्र कहाँ गया ?
ओ भाई ! कहाँ भागे जा रहे हो ?