शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023

हे स्वर की देवी माँ

  



हे स्वर की देवी माँ

हे स्वर की देवी माँ , वाणी में मधुरता दो।
हम गीत सुनाते हैं , संगीत की शिक्षा दो।
अज्ञान ग्रसित होकर , क्या गीत सुनायें हम।
टूटे हुए शब्दों से , क्या स्वर को सुनाएं हम।
दो ज्ञान राग माँ तुम , वाणी में मधुरता दो।
सरगम का ज्ञान नहीं , शब्दों में सार नहीं।
तुम्हें आज सुनाने को , मेरी मैया कुछ भी नहीं।
संगीत समंदर से , स्वर ताल हमें दे दो।
भक्ति ना शक्ति है , शब्दों का ज्ञान नहीं।
तुम्हें आज सुनाने को , मेरी मैया कुछ भी नहीं।
गीतों के खजाने से एक गीत हमें दे दो।
हे स्वर की देवी माँ , वाणी में मधुरता दो।