हिन्दी व्याकरण :- विशेषण
विशेषण के प्रयोग से भाषा की प्रभावशीलता तो बढ़ती ही है साथ ही व्यक्ति , वस्तु का यथार्थ स्वरूप भी प्रकट होता है।विशेषण का कार्य होता है विशेषता बतलाना।
परिभाषा
' संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाने वाले शब्दों को विशेषण कहा जाता हैं।'
'विशेषण जिस शब्द की विशेषता बतलाते है , वह शब्द विशेष्य कहलाता हैं।'
उदाहरण
1. राम होशियार है।
2. भले आदमी का हर जगह सम्मान होता है।
3. आकाश नीला है।
इन उदाहरणों में होशियार , भले , नीला शब्द विशेषण हैं तथा राम , आदमी , आकाश विशेष्य हैं।
विशेषण पाँच प्रकार के होते हैं -
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण
- व्यक्तिवाचक विशेषण
1. गुणवाचक विशेषण
" किसी व्यक्ति या वस्तु के गुण , दोष , रंग , आकार , अवस्था , स्वभाव , दिशा , दशा , स्थिति , स्वाद , स्पर्श आदि का बोध कराने वाले शब्द 'गुणवाचक विशेषण ' कहलाते हैं। "
जैसे --
गुण - भला , सुन्दर , अच्छा ....
दोष - खराब , बुरा ....
रंग - हरा , पीला , काला ....
आकार - छोटा , मोटा , लम्बा .....
अवस्था - सूखा , गीला ....
दिशा - उत्तरी , पूर्वी ......
दशा - अस्वस्थ , रोगी .....
स्थान - राजस्थानी , मारवाड़ी ....
स्वाद - मीठा , खारा .....
स्पर्श - कोमल , कठोर ....
2. संख्यावाचक विशेषण
" जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित अथवा अनिश्चित संख्याओं का बोध कराए , ' संख्यावाचक सर्वनाम ' कहलाते हैं। "
इस सर्वनाम के दो प्रकार हैं -
1. निश्चित संख्यावाचक विशेषण
जैसे -
एक , दूसरा , दोनों , चौगुना , आदि।
2. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
जैसे -
बहुत , कुछ , सब , कई आदि।
3. परिमाणवाचक विशेषण
" जो शब्द किसी वस्तु या पदार्थ की मात्रा , तौल या माप का बोध कराए , ' परिमाणवाचक विशेषण ' कहलाते हैं। "
इस विशेषण के भी दो भेद हैं -
1. निश्चित परिमाणवाचक
जैसे -
दो किलो , तीन लीटर , एक मीटर आदि।
2. अनिश्चित परिमाणवाचक
जैसे -
बहुत , थोड़ा , कम , ज्यादा आदि।
4. सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण
" जो शब्द सर्वनाम हैं लेकिन वाक्य में विशेषण के रूप में प्रयुक्त हो रहे हैं , ' सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण ' कहलाते हैं। "
जैसे -
1. इस पुस्तक को पढ़ों ।
2. वह आदमी बहुत मेहनती है।
3. कोई सज्जन आए हैं।
इस , वह , कोई सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण हैं।
5. व्यक्तिवाचक विशेषण
" वे शब्द जो मूल रूप से व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं लेकिन वाक्य में विशेषण का कार्य कर रहे हैं , ' व्यक्तिवाचक विशेषण ' कहलाते हैं। "
जैसे -
1. बीकानेरी नमकीन
2. बनारसी साड़ी
3. जोधपुरी लहंगा
इनमें बीकानेरी , बनारसी , जोधपुरी ऐसे ही संज्ञा शब्द हैं जो वाक्य में विशेषण के रूप में आए हैं।
प्रविशेषण
" वे शब्द जो विशेषण की विशेषता बतलाते हैं , ' प्रविशेषण ' कहलाते हैं। "उदाहरण -
1. हिमांशु धीरे - धीरे चलता है। ( विशेषण )
हिमांशु बहुत धीरे - धीरे चलता है। ( प्रविशेषण )
2. जया विन्रम लड़की है। ( विशेषण )
जया अति विन्रम लड़की है। ( प्रविशेषण )
उपर्युक्त वाक्यों में ' बहुत ' ' धीरे - धीरे ' विशेषण की और ' अति ' ' विन्रम ' विशेषण की विशेषता बतलाते हैं।
विशेषण की रचना
कुछ शब्द मूल रूप में विशेषण ही होते हैं किंतु कुछ संज्ञा , सर्वनाम , अव्यय या क्रिया शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाए जाते हैं।
(1) संज्ञा से विशेषण
संज्ञा + प्रत्यय = विशेषण
शहर + ई = शहरी
शक्ति + मान् = शक्तिमान
राष्ट्र + ईय = राष्ट्रीय
(2) सर्वनाम से विशेषण
तुम + हारा = तुम्हारा
मैं + एरा = मेरा
(3) क्रिया से विशेषण
पढ़ + आकू = पढ़ाकू
खेल + आड़ी = खिलाड़ी
लूट + एरा = लुटेरा
बैठ + आ = बैठा
(4) अव्यय से विशेषण
बाहर + ई = बाहरी
पीछे + ला = पिछला
रात + भर = रातभर
" वे विशेषण जिनके द्वारा दो या दो से अधिक विशेष्यों के गुण / अवगुण की तुलना की जाए , ' तुलनाबोधक विशेषण ' कहलाते हैं। "
अवस्थाएँ
तुलना के विचार से विशेषणों की तीन अवस्थाएँ होती हैं।
(१) मूलावस्था
इस अवस्था में सामान्य विशेषताओं का उल्लेख होता है , इसमें तुलना नहीं होती हैं।
जैसे -
1. हिमांशु सुन्दर है।
2. जया अच्छी लड़की है।
(२) उत्तरावस्था
इस अवस्था में दो व्यक्तियों या वस्तुओं के बीच न्यूनता या अधिकता की तुलना की जाती हैं।
उदाहरण
1. हिमांशु विनोद से सुन्दर है।
2. जया कोमल से अच्छी लड़की है।
उत्तरावस्था में केवल तत्सम शब्दों में तर प्रत्यय लगाया जाता हैं।
जैसे -
सुन्दर + तर = सुन्दरतर
अधिक + तर = अधिकतर
लघु + तर = लघुतर
(३) उत्तमावस्था
इस विशेषण की सर्वोत्तम अवस्था है। इस अवस्था में जब दो से अधिक व्यक्तियों या वस्तुओं के बीच तुलना की जाती हैं तो एक को श्रेष्ठता या निम्नता दी जाती है।
उदाहरण
1. जया सबसे अच्छी लड़की है।
2. घनश्याम सर्वश्रेष्ठ लड़का है।
तत्सम शब्दों की उत्तमावस्था के लिए तम प्रत्यय जोड़ा जाता हैं।
जैसे -
श्रेष्ठ + तम = श्रेष्ठतम
सुन्दर + तम = सुन्दरतम
लघु + तम = लघुतम
महत् + तम = महत्तम