Hindi Vyakaran लिंग
भाषा के शुद्ध प्रयोग के लिए लिंग का ज्ञान आवश्यक हैं।लिंग /Gender की परिभाषा
लिंग का शाब्दिक अर्थ चिह्न / निशान / प्रतीक / पहचान होता हैं।
" संज्ञा का वह रूप जिससे उसकी पुरुष जाति या स्त्री जाति का बोध होता है , लिंग कहा जाता हैं । "
लिंग के प्रकार
हिन्दी व्याकरण के अंतर्गत लिंग दो प्रकार के होते हैं -- पुल्लिंग
- स्त्रीलिंग
1. पुल्लिंग
" जिस विकारी शब्द से उसकी पुरुष जाति का बोध होता है , उसे पुल्लिंग कहा जाता हैं। "
उदाहरण
काला , हिमांशु , छात्र , भाई , अध्यापक , हाथ आदि।
2. स्त्रीलिंग
" जिस विकारी शब्द से उसकी स्त्री जाति का बोध हो , उसे स्त्रीलिंग कहा जाता हैं। "
उदाहरण
काली , छात्रा , बहिन , अध्यापिका , जया आदि।
लिंग निर्धारण के नियम
1. दिनों एवं महीनों के नाम
दिनों एवं महीनों के नाम पुल्लिंग होते हैं।
उदाहरण
सोमवार
गुरुवार
चैत्र
फाल्गुन
अगस्त
सितम्बर
2.नदियों एवं तिथियों के नाम
इनके नाम हमेशा स्त्रीलिंग होते हैं।
उदाहरण
गंगा , यमुना , कावेरी , कोसी , द्वितीया , दशमी , पूर्णिमा , प्रतिपदा आदि
नोट - सिंधु , सोन और ब्रह्मपुत्र को छोड़कर सभी नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं।
3. शरीर के अंगों के नाम
अंगों में कुछ स्त्रीलिंग और कुछ पुल्लिंग होते हैं।
पुल्लिंग
मुँह , पैर , पेट , घुटना , अँगूठा , हाथ , कान आदि।
स्त्रीलिंग
कोहनी , दाढ़ी , ग्रीवा , उँगली , कलाई , नाक , जीभ आदि।
4. पर्वतों एवं पेड़ों के नाम
इनके नाम पुल्लिंग होते हैं।
उदाहरण
अरावली , हिमालय , आम , चन्दन , नीम आदि
5. रत्नों , धातुओं , द्रवों एवं ग्रहों के नाम
इनके नाम अधिकांशत पुल्लिंग होते हैं।
उदाहरण
मोती , सोना , घी , पारा , पानी , सूर्य , चन्द्र , लोहा , तांबा आदि।
6. आभूषणों के नाम
इनके नाम स्त्रीलिंग और पुल्लिंग दोनों में होते हैं।
स्त्रीलिंग
माला , चूड़ी , पायल , नथ आदि।
पुल्लिंग
झुमका , हार , गजरा , बाजूबंद आदि।
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7. भाषा एवं लिपियों के नाम
ये स्त्रीलिंग में आते हैं।
उदाहरण
हिन्दी , पंजाबी , मराठी , अंग्रेजी , देवनागरी , खरोष्ठी , गुरुमुखी आदि।
8. प्राणीवाचक शब्दों का प्रयोग
कुछ प्राणीवाचक शब्दों का प्रयोग के स्त्रीलिंग में ही होता है , उनका पुल्लिंग रूप नहीं बनता।
उदाहरण
सौतन , पुलिस , फौज , संतान , सेना आदि।
लिंग परिवर्तन
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम इस प्रकार हैं।
1. अ को आ में बदलकर
छात्र से छात्रा
सुत से सुता
पूज्य से पूज्या
2. अ को ई में बदलकर
पुत्र से पुत्री
दास से दासी
3. आ को इया में बदलकर
कुत्ता से कुत्तिया
बूढ़ा से बुढ़िया
4. आ को ई में बदलकर
मामा से मामी
दादा से दादी
घोड़ा से घोड़ी
5. प्रत्यय लगाकर
नी प्रत्यय
मोर से मोरनी
ऊँट से ऊँटनी
आइन प्रत्यय
ठाकुर से ठकुराइन
चौधरी से चौधराइन
आनी प्रत्यय
देवर से देवरानी
जेठ से जेठानी
इन प्रत्यय
धोबी से धोबिन
लोहार से लुहारिन