सोमवार, 2 अक्तूबर 2017

वाच्य की परिभाषा एवं प्रकार

वाच्य की परिभाषा एवं प्रकार Voice pribhasha ewm types


वाच्य को अंग्रेजी में Voice कहा जाता हैं।
वाच्य से क्रिया के उस रूप से यह पता चलता है कि उसका विषय कर्ता / कर्म / भाव हैं। वाच्य से क्रिया का उद्देश्य ज्ञात होता है।

वाच्य की परिभाषा

" क्रिया के उस रूप को वाच्य कहा जाता हैं जिससे उसके कर्ता या कर्म या भाव के अनुसार होने का बोध होता है। "
उदाहरण

क. विनोद नही खेलता है।
ख. जया नही खेलती है।
क. जयेश खाना खाता है।
ख. निशा खाना खाती है।
उपयुर्क्त उदाहरणों में अपने देखा क्रिया कर्ता के अनुसार अपना रूप बदल रही है ; कर्म का उसपर कोई प्रभाव नही पड़ रहा।



वाच्य के प्रकार


वाच्य के निम्नलिखित तीन प्रकार होते हैं : -


कर्तृ वाच्य
इसे अंग्रेजी में Active Voice कहा जाता है।
इस प्रकार के वाक्यों में क्रिया का प्रधान एवं सीधा संबंध कर्ता से होता है । इस प्रकार के वाक्यों में क्रिया के लिंग , वचन , कर्ता के अनुसार प्रयुक्त होते हैं।
उदाहरण

1. नरेश पुस्तक पढ़ता है।
2. सीता चावल खाती है।
3. लड़के पौधे लगा रहे है।



कर्म वाच्य
इसे अंग्रेजी में Passive Voice कहा जाता है।
इस प्रकार के वाक्यों में क्रिया के लिंग , वचन कर्ता के अनुसार न होकर कर्म के अनुसार प्रयुक्त होते हैं। अर्थात क्रिया का संबंध वाक्य में कर्म से होता है।
उदाहरण

1. सीता द्वारा खाना पकाया गया है।
2. श्याम के द्वारा मिठाई खाई गई।
3. चाय नरेश के द्वारा पी गई।
इन उदाहरणों में हम देखते है क्रिया पकाया , खाई , पी कर्म के अनुसार प्रयुक्त हुई हैं।



भाव वाच्य
भाव वाच्य को अंग्रेजी में Impersonal Voice कहा जाता है।
इस प्रकार के वाक्यों में क्रिया का संबंध कर्ता या कर्म से न होकर भाव से होता है। इस प्रकार के वाक्यों में अकर्मक क्रिया ही प्रयुक्त होती है।
उदाहरण

1. मोहन से मिठाई खाई नही जाती।
2. जया से चला नही जाता।
3. हितेश से सवेरे उठा नही जाता।
हम देखते हैं इन वाक्यों में क्रिया भाव के अनुसार प्रयुक्त हुई है।



हिन्दी व्याकरण के इन शीर्षकों के लेखों को नहीं पढ़ा हो तो जरूर पढ़ें : -


वाच्य परिवर्तन

वाच्य को निम्नलिखित तरीकों से परिवर्तन किया जाता हैं।


कर्मवाच्य से कर्तृ वाच्य Passive to Active

कर्म वाच्य से कर्तृ वाच्य में परिवर्तन करते समय निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए -
1. मूल रूप से कर्ता को ही विषय बनाना चाहिए।
2. वाक्य की क्रिया वर्तमान एवं भविष्य की होने पर कर्ता के अनुसार क्रिया का रूप रखना चाहिए।
3. भूतकाल की सकर्मक क्रिया होने पर कर्म के लिंग , वचन के अनुसार क्रिया को रखना चाहिए।
उदाहरण

1. नानी ने कहानी सुनाई
- नानी द्वारा कहानी सुनाई गई।
2. मैं पुस्तक पढ़ नही सकता।
- मुझसे पुस्तक पढ़ी नही जाती



कर्तृ वाच्य से कर्मवाच्य Active to Passive

कर्तृ वाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन करते समय इन बातों को ध्यान में रखें -
1. कर्म को चिह्न रहित लिखना चाहिए।
2. वाक्य को कर्म प्रधान बनाना चाहिए अर्थात क्रिया को कर्म के लिंग , वचन के अनुसार रखना चाहिए।
3. कर्ता के लिए से / द्वारा चिह्न का प्रयोग करना चाहिए।
उदाहरण

1. हिमांशु ने खाना खाया।
- हिमांशु के द्वारा खाना खाया गया।
2. सुरेश पौधों को पानी दे रहा है।
- सुरेश के द्वारा पौधों को पानी दिया जाता है।



कर्तृ वाच्य से भाववाच्य Active to Impersonal

कर्तृ वाच्य से भाववाच्य बनाते समय निम्न बातों को ध्यान में रखें -
1. भाववाच्यों में प्रायः अकर्मक क्रियाओं का ही प्रयोग होता है।
2. कर्ता के साथ से / द्वारा चिह्न लगाकर उसे गौण बना दिया जाता है।
3. मुख्य क्रिया को सामान्य एवं अन्य पुरुष पुल्लिंग एकवचन में रखा जाता है।
उदाहरण

1. नानी कहानी सुनाती है।
- नानी के द्वारा कहानी सुनाई जाती है।
2. निशा नही खेलती है।
- निशा से खेला नही जाता